Technical analysis


जब भी किसी कंपनी में निवेश करने की बात आती है तो सबसे पहले आपको Technical Analysis करना ही पडता है. क्योंकि बिना analysis किए trading ओर investing करना यानि अपने पाव पे कुल्हाड़ी मारने जैसा है। इसी वजह से analysis करके आप अपने रिस्क को कम कर सकते हो ।

Technical analysis

स्टॉक मार्केट में दो प्रकार के analysis होते है

1 Technical Analysis

2 Fundamental Analysis

ईस टॉपिक में हम technical analysis क्या होता है इसके बारे में जानेंगे

Technical analysis क्या है

पिछले कुछ सालों में technical analysis की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है बहोत से लोग इसके बारे में जानने का प्रयास कर रहे है. क्योंकि बहोत से नए लोग ट्रैडिंग सीखना चाहते है ।

ओर कम टाइम में ज्यादा पैसे कमाना चाहते है। ओर technical analysis का उपयोग ज्यादातर ट्रैडिंग में ओर शॉर्ट टर्म टारगेट के लिए ज्यादा यूज किया जाता है।

Technical analysis में शेयर के वॉल्यूम ओर प्राइस के साथ ट्रेंड ओर अन्य इन्डकैटर का उपयोग करके उसके पुराने experience को आने वाले टाइम से compair करना उसे Technical analysis कहते है

इसे हम एक उदाहरण के साथ समजते है. आप किसी दुकान से हर रविवार सब्जी खरीदने जाते हो क्योंकि वहा सब्जी की क्वालिटी अछि होती है .पर अगर आप वही सब्जी दूसरे दिन खरीदते हो तब वो quality आपको नहीं मिलती.

यानि आपको ये पता चल गया है की रविवार के दिन दुकान मालक फ्रेश माल लेके आता है. ओर उस दिन लि हुई सब्जी फ्रेश होती है .


उसी प्रकार Technical Analysis करते वक्त चार्ट की स्थिति ओर वॉल्यूम के साथ ओर इंडीकेटर्स के जरिए पुराने डेटा के साथ compare करके होने वाले उतार चढ़ाव का अंदाज लगाया जाता है ।

Technical Analysis History Reapeat again and again के सिद्धांत पर चलता है। यानि जो पहले हुआ है वो फिरसे हो सकता है ईस सिद्धांत के आधार पे चलता है .

Technical Analysis में परिस्थिति के हिसाब से अपने buy ओर sell का निर्णय लेना पड़ता है.

Technical Analysis के मूल सिद्धांत

Trend

Trend के हिसाब से शेयर के buy ओर सेल का अंदाजा लगाना. मार्केट में 3 तरह के ट्रेंड होते है.
1 uptrend
२ Downtrend
३ sideways (consolidation)

1 uptrend :- ईस ट्रेंड में शेयर का प्राइस कुछ दिन या महीनो तक ऊपर की ओर ही जाता है. वो हमे चार्ट के सहायता से पता चलता है ।
२ Downtrend :- इसमे Uptrend के उलटा होता है किसी शेयर का प्राइस लगातार कुछ दिनों या महीनों के लिए घटता जाता है
३ Sideways :- ईस trend में ना तो शेयर का price ज्यादा बढ़ता है नाही ज्यादा घटता है वो एक ही रेंज में बहोत दिनों तक या महीनों तक घूमता रहता है. ये ट्रेंड में बहोत ट्रैडर को नुकसान होता है.

Chart Patern

Technical Analysis में Chart Patern बहोत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. Chart Patern के प्रकार हम सिर्फ नाम बताने वाले है आने वाले कुछ दिनों में हम इसपर डीटेल में जानकारी देंगे क्युकी ये बहोत बड़े टॉपिक है

१ line chart
२ bar chart
३ candelstic chart

candelstic chart इसे Japanis candelstic chart के नाम से भि जाना जाता है . ओर ये चार्ट पटर्न सबसे ज्यादा यूज किया जाने वाला चार्ट पेटर्न है
उसीके साथ इसमे बहोत से candelstic चार्ट पेटर्न बनते है उनपे हम बादमे विस्तार से चर्चा करेंगे। अभी हम Technical Analysis के लिए उपयोग में आने वाले बातों को समज लेते है

Support and Resistance :-

Support and Resistance के जरिए हम बाजार की दिशा का अंदाज लगते है।

Support :- इसके नाम में ही इसका काम दिखाई देता है अगर किसी शेयर या मार्केट में सपोर्ट लेवल उस शेयर के भाव को ओर नीचे गिरने से रोकने का काम करती है ।

अगर वो शेयर उस सपोर्ट ज़ोन के पास चला जाता है तो इसकी बहोत ज्यादा संभावना होती है की वाहसे वो फिरसे ऊपर की तरफ या जाएगा। सपोर्ट लाइन डिमाण्ड ज़ोन की ओर इशारा करती है.

अगर सपोर्ट लेवल के भी नीचे मार्केट चला जाता है तो इसकी पूरी संभावना होती है की वो ओर भी नीचे गिरने वाला है

Resistance :- Resistance किसी भी शेयर ओर मार्केट मे उसको ऊपर जाने से रोकने का काम करता है । जब भी शेयर रीज़िस्टन्स लेवल के पास जाता है तो वहा सप्लाइ ज़ोन होने के वजह से वो फिरसे नीचे या जाता है। अगर resistance लेवल ब्रेक करके शेयर आगे बढ़टा है तो इसका मतलब शेयर ओर ऊपर जाने की संभावना बन जाती है ।

Demand And Supply :-

मार्केट डिमैन्ड ओर सप्लाइ पर आधार पर चलता है। अगर डिमाण्ड ज्यादा हो तो बाजार में या किसी शेयर मे बढ़ोतरी होती है। ओर demand के हिसाब से सप्लाइ ज्यादा हो तो उसमे घट होती है ।

Market Reflect Everything

इसका मतलब मार्केट में सिर्फ एक ही चीजों के अलावा बहोत सारे फैक्टर देखने पड़ते है. उस वक्त होने वाले मार्केट के सेनटीमेंट काही होने वाले war की स्थिति इलेक्शन ओर काभी काभी होने वाले कुछ अनहोनी चीजों के बजे से भी मार्केट पर कुछ समय के लिए असर पड़ता है. इसलिए Technical Analysis में सभी बातों पर नजर रखनी पड़ती है हम किसीभी एक ही बात पर ध्यान देके उससे अनदाजा नहीं लगा सकते।

Technical Analysis के फायदे

Technical Analysis करने के लिए बहोत ही कम टाइम लगता है क्युकी आज हर किसी के पास स्मार्ट फोन है ओर आज कल सभी ब्रोकर अछे app ओर software provide कर रहे है ईसके बजसे ये बहोत ही आसान हो गया है।
Technical Analysis के वज से शेयर की कीमतों का अंदाज लगाना आसान हो जाता है।
Technical Analysis के वजसे trading करना आसान हो जाता है क्युकी यह आपको stop loss काहा लगाना चाहिए इसका भी अंदाज हो जाता है

Technical Analysis के नुकसान

Technical Analysis करना अस्सन है पर उसपे अच्छे से काम करना मुससकिल है क्योंकि हर एक चीज पता होने पर भी जब उस परिस्थिति मे जब आप होते है तब वो बाते फॉलो करना सबसे बड़ी कठिनाई हो जाती है.
Technical Analysis करने के बाद आपको प्रॉफ़िट ही होगा ये निश्चित नहीं है क्योंकि ये बाते आपको आपने आप अनुभव ओर reserch से ही पता चलती है की कॉन्से व्यक्त किस स्ट्रैटिजी का चयन कारना चाहिए 

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